लूका 23:31 - ओङ राजपूत31 कांकि जिसे बेले वे सावे दरख्ता लारे इसड़े करी, तां सूखे लारे का कोच्छ नी करले जई?” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
ईं मतलबी लौक तम्चे प्रेम-भोज मां तम्चे लारे खई-पी। वे नुकसान करने आली चट्टानी आलीकर छी जको समुन्दरा मां लुकलीया रिही। याहनु सेर्फ आपणे ही स्वार्थ ची ही चिन्ता रिहे। वे बिना पाणीया चे बदल छी, जानु हवा उङारती जाये। वे पतझड़ चे इसड़े पेड़ छी, जाये फल ना लाग़ी, ते जको ङोन वारी मरती चुकले ते ज़हड़े कनु उखड़ती चुकले।