27 कांकि बङे कूण छै, ओ जको खाणे खाये ब़ेहला, जा ओ जको सेवा करे? का ओ कोनी जको खाणे खाये ब़ेहला? पर मैं तम्चे बीच मां सेवक चे समान छै।
जिंवे कि मैं इन्साना चा पूत, ऐवास्ते कोनी आला कि ओची सेवा-टहल करली जाओ, पर ऐवास्ते आला कि आप सेवा-टहल करो, ते ब़ोहता नु छुड़ावणे वास्ते आपणे प्राण ङियो।”
धन्न छै, ओ दास, जानु मालिक आती कर सुज़ाक ङेखे, मैं तम्हानु सच्च किहे पला, कि ओ कमर कसती कर वानु खाणे उपर ब़िसाणी, ते गोढु आती वांची सेवा करी।
कांकि तम्ही अम्चे प्रभु ईशु मसीह चा अनुग्रह जाणा वी, कि ओ धनवान हुती कर वी तम्चे वास्ते कंगाल बणती गेला ताकि ओचे कंगाल हुती जाणे लारे तम्ही धन्नी हुती जावा।