बल्ति ओणे लौका नु खड़ा उपर ब़ेसणे वास्ते केहले, ते वां पाँच रोटीया ते ङोन माछलीया नु चले, ते स्वर्ग़ा सनु ङेखती कर नरीकारा चा धन्यवाद करला, ते रोटीया भान्ती-भान्ती कर चैला नु ङिलीया, ते चैला ने लौका नु।
मैं ही वा जीती रोटी छै जको स्वर्ग़ा कनु उतरली। अगर ये रोटी नु कुई खाये ते ऊं सदा जीते रिही। ते वा रोटी जानु मैं ङिही माये शरीर छै, ऐची वजह कनु संसार जीता रिही।”
ओ धन्यवाद चा मुंगर, जानु अम्ही धन्यवाद करु का ओ मसीह चे लुहींया मां अम्ची भईवाली कोनी? वा रोटी, जको अम्ही आपस मां भान्ती कर बांटु का मसीह चे शरीरा मां अम्ची भईवाली कोनी?
ओ खौद्द ही अम्चे पापा नु आपणे शरीरा चे उपर चती कर क्रूसा उपर चढ़ती गेला, जाये कनु अम्ही पापा चे वास्ते मरती कर धार्मिकता चे वांचे वास्ते जीवन बिताऊं, ओचे ही मार खाणे ची वजह कनु तम्ही चंगे हुले।