ते मूर्तिया चे लारे नरीकारा चे मन्दरा चा का रिश्ता? कांकि अम्ही तां जीते नरीकारा चे मन्दर छिऊं, जिसड़े कि नरीकारा ने केहले, “मैं वांचे मां वास करी ते वांचे मां टुरता फिरता रिही, ते मैं वांचा नरीकार हुवी, ते वे माये लौक हुवी।”
पर सच्चाई हा छै कि वानु हेक बेहतर देशा ची इच्छा हुती, जको स्वर्ग़ देश छै। ऐवास्ते नरीकार वांचा नरीकार किहवावणे मां ना लज़ावी, कांकि नरीकारा ने ही वांचे वास्ते हेक शहर तियार करला।
बल्ति ओ स्वर्ग़दूता ने मनु बिल्लौर जिसड़ी शीशे आलीकर झलकती हुली, जीवन चे पाणीया ची नदी ङिखाणली। जको नरीकार ते मैमणे चे सिंहासन कनु निकलती कर ओ शहरा ची सड़के चे आधी मां बेहती।