19 वेही घड़ी शास्त्रीया ने ते प्रधान याजका ने ओनु पकड़ने चाह्ले, कांकि वे समझती गेलते कि ओणे अम्चे उपर हा मिसाल केहली, पर वे लौका कनु ङरले।
ईं सुणती कर प्रधान याजक ते शास्त्री ओनु खत्तम करने चा मौका सोधी पलते, कांकि वे ओचे कनु ङरते, ऐवास्ते कि सारे लौक ओचे उपदेश कनु अचम्भे मां हुती जते।
तब वाणे ओनु पकड़ने चाह्ले, कांकि समझती गेलते कि ओणे अम्चे विरोध मां हा मिसाल केहली। पर वे लौका कनु ङरले, ते ओनु छोड़ती कर चाह्ले गेले।
जिसे बेले जमींदारा ने ओनु ङेखले तां आपस मां विचार करु लाग़ले, ‘हा तां वारिस छै, आवा, अम्ही ऐनू मारती नाखु कि विरासत अम्ची हुती जाओ।’