16 बल्ति पेहले ने आती ते केहले, ‘हे स्वामी, दुधीया मोहरा लारे ङस नेरीया मोहरा कमालीया।’
ओणे आपणे दासा महु ङसां नु हकारती कर वानु ङस मोहरा ङिलीया ते वानु केहले, ‘माये पुठे आणे तक लेन-देन करजा।’
जिसे बेले राजपद गेहती पुठा आला, तां इसड़े हुले कि ओणे आपणे दासा नु जानु रोकड़ ङिलती हुती, आपणे गोढु हकरवाले ताकि पता लाग़ो कि वाणे लेन-देन लारे का-का कमाले।
ओणे ओनु केहले, ‘धन्न छी, हे उत्तम दास! तु ब़ोहत ही थोड़े मां भरोसेमन्द निकड़ला हमा ङसां शहरा उपर अधिकार राख।’
पर मैं जको कोच्छ वी छै, नरीकारा चे अनुग्रह लारे छै। ते ओचा अनुग्रह जको माये उपर हुला, ओ बेकार कोनी हुला। पर मैं वां सबकनु बधती कर मेहनत वी करली तां वी ईं माये तरफु कोनी हुले पर नरीकारा चे अनुग्रह लारे जको माये उपर हुता।