“ङेखा, तम्ही यां छोटा महु कानु वी तोच्छ ना जाणा, कांकि मैं तम्हानु किहे पला कि स्वर्ग़ा मां वांचे स्वर्ग़दूत माये स्वर्ग़ीय ब़ा नरीकारा चे मुँह सदा ङेखी।
“जा कूण इसड़ी असतरी हुवी जाये कनु ङस सिक्के हो, ते वांचे महु हेक गार हुती जाओ, तां वा ङीवा ब़ालती कर ते घर छंडकती-ब़ुहारती, जब तक मिलती ना जाओ जी लाती सोती ना रिहो?