11 फरीसी खड़ा हुती कर आपणे मना मां यूं प्राथना करु लाग़ला, ‘हे नरीकार, मैं दुधा धन्यवाद करे पला, कि मैं नेरा बन्दा आलीकर अन्धेर करने आला, अन्यायी ते व्यभिचारी कोनी, ते ना ऐ चुंगी गेहणे आले चे बराबर छै।
कांकि मैं तम्हानु सच्च किहे कि अगर तम्ची धार्मिकता, शास्त्रीया ते फरीसिया ची धार्मिकता कनु बढ़ती कर ना हो, तम्ही स्वर्ग़ चे राज़ मां कङी वी ना जा सग़ा।
“जिसे बेले तु प्राथना करी, तां कप्पटीयां चे जिसड़ा ना हो, कांकि लौका नु ङिखाणे वास्ते कोनी प्राथनाघरा मां ते सड़का चे मोड़ा उपर खड़े हुती कर प्राथना करने वानु आच्छे लाग़े। मैं तम्हानु सच्च किहे पला कि वे आपणा फल पाती चुकले।
ऐवास्ते जितने लौक व्यवस्था चे कामा उपर भरोसा राखी वे श्राप चे गुलाम छी कांकि लिखले आले छै कि “जको कुई व्यवस्था चीया सारीया बाता पुरीया करने मां मजबूत ना रिही ऊं श्रापित छै। ”