3 बल्ति मुनीम सोचु लाग़ला, ‘हमा मैं का करे? कांकि माया मालिक हमा मुनीमगिरी चे काम माये कनु खोसे पला। माटी तां माये कनु पटीजी ना, ते भीख मांगणे मां मनु शर्म आवे।
“आथणा चे अंगूरा ची बाड़ी चे मालिका ने आपणे मुनीम नु केहले, ‘मजदूरा नु हकारती कर पिछला कनु लाती आग़ला तक वानु मजदूरी ङिती ङे।’
वे यरीहो शहरा मां आले, ते जब ओ ते ओचे चैले, ते हेक बङी भीड़ यरीहो शहरा कनु निकले पलती, तब तिमाई चा पूत बरतिमाई, हेक अन्धा भिखारी, सड़के चे किनारे ब़ेहला हुता।
तब ओ आपणे मना मां विचार करु लाग़ला, ‘मैं का करे? कांकि माई इठे जग़हा कोनी जिठे आपणी पैदावार नेरी मेहले।’
शाहुकारा ने मुनीम नु हकारती कर केहले, ‘ईं का छै जको मैं दुधे बारे मां सुणे पला? आपणे मुनीमगिरी चा लेखा ङे, कांकि तु उग़ते कनु मुनीम ना रेह सग़ी।’
ते लाजर नांवा चा हेक कंगाल घाव लारे भरला आला, ओची चौखटी उपर छोड़ती ङिला जता
ते इसड़े हुले कि ओ कंगाल मरती गेला, ते स्वर्ग़दूता ने ओनु चती कर अब्राहम ची गोङी मां पुचाले, ते ओ धनवान वी मरला ते पुरीला गेला।
मैं समझती गेला कि मनु का करने चाही छै कि जिसे बेले मुनीमगिरी चे काम माये कनु छुड़ाले जाओ तां लौक आपणे घरा मां माया कद्दर सत्कार करो।’
ओ कई बेले तक तां ना मनला पर अन्त मां विचार करती कर केहले, ‘मैं ना नरीकारा कनु ङरे, ते ना बन्दा ची कहीं परवाह करे।
बल्ति पड़ोसी ते जेह्णे पेहले ओनु भीख मांगते ङेखले हुते किहुं लाग़ले, “का हा ओही कोनी जको ब़ेसती कर भीख मांगता?”
बल्ति हेक इसड़े बन्दे जको कि जनमा ही कनु लंगडा हुता ओनु चली जई पलते। वे रोजाना ओ मन्दरा चे सुन्दर नांवा चे दरवाजे उपर ब़िसाणती ङिते। ताकि ओ मन्दरा मां जाणे आले कनु भीख मांगो।
पर हमा ऊठती कर शहरा मां जा, ते जको तनु करने छै, ऊं तनु केहले जई।”
अम्ही सुणु कि, कितनी बन्दी तम्चे बीच मां खराब चाल चली, ते कहीं वी काम ना करी, ओर नेरा चे कामा मां टांका अड़ावी।