“ङेखा, तम्ही यां छोटा महु कानु वी तोच्छ ना जाणा, कांकि मैं तम्हानु किहे पला कि स्वर्ग़ा मां वांचे स्वर्ग़दूत माये स्वर्ग़ीय ब़ा नरीकारा चे मुँह सदा ङेखी।
पतरस ने मुड़ती कर ओ चैले नु भांसु आते ङेखले, जको लाङका किहवाता, ते जेह्णे खाणे चे बेले ओची छात्ती ची तरफ झुकती कर पूछले हुते, “हे प्रभु, तनु पकड़ावणे आला कूण छै?”
ऐवास्ते कि ऊलाद्ध लुहींया ची ते मांस ची हुवे, मसीह ईशु वी लुहीं ते मांस चे हुती गेले कि मौत चे जरिये ओ ओनु यानि शैताना नु, जाये मां मौत ची ताकत हुती, कमजोर करती ङियो
कांकि सूरज उभरते ही तकड़ा चिटका पड़े ते खड़ सुखाती ङिये ते ओचे फूल किर्ती जाये ते ओची शोभा जती रिहे। यूं करती धनवान वी आपणे मार्ग़ा पर टुरते-टुरते धूड़ मां मिलती जाये।
ओ खौद्द ही अम्चे पापा नु आपणे शरीरा चे उपर चती कर क्रूसा उपर चढ़ती गेला, जाये कनु अम्ही पापा चे वास्ते मरती कर धार्मिकता चे वांचे वास्ते जीवन बिताऊं, ओचे ही मार खाणे ची वजह कनु तम्ही चंगे हुले।