18 “जको कुई आपणी घराआली नु त्याग़ती कर ङुजी लारे बीहा करे, ओ व्यभिचार करे, ते जको कुई इसड़ी त्याग़ली हुली असतरी लारे बीहा करे, ओ वी व्यभिचार करे।
ते मैं तम्हानु किहे पला, कि जको कुई व्यभिचार नु छोड़ती कुई नेरी वजह कनु आपणी घराआली नु त्याग़ती कर ङुजी लारे बीहा करे, ओ व्यभिचार करे, ते जको वे छोड़ली आली लारे बीहा करे, ओ वी व्यभिचार करे।”
“हेक धनवान बन्दे हुते जको बैंजनी ते मलमल ची ओढ़णी घालता ते हर ङिओ सोख-विलास ते धूम-धाम लारे रेहता।
सेर्फ घराआली नु ही आपणे शरीरा उपर अधिकार कोनी पर विचे मुणसा चा अधिकार छै यूंही सेर्फ मुणसा नु वी आपणे शरीरा उपर अधिकार कोनी पर ओची घराआली चा वी छै।