1 बल्ति ईशु ने चैला नु वी केहले, “कुई शाहुकारा चा हेक मुनीम हुता, ते लौका ने ओचे सामणे ओचे उपर हा अरोप लाला कि हा सारी जायजात उङारली जाये।
“आथणा चे अंगूरा ची बाड़ी चे मालिका ने आपणे मुनीम नु केहले, ‘मजदूरा नु हकारती कर पिछला कनु लाती आग़ला तक वानु मजदूरी ङिती ङे।’
प्रभु ने केहले, “ओ भरोसेमन्द ते ब़ुध्दिमान भण्डारी कूण छै, जाया मालिक ओनु नौकरा चाकरा उपर सरदार बणाओ कि समय उपर वानु खाणे चा समान ङियो?
घणी ङिहें कोनी हुली हुती कि छोटा पूत सब कोच्छ भेले करती हेक दूर देशा मां चाह्ला गेला, ते ओठे उल्टे कर्मा मां आपणी जायजात उज़ाड़ती ङिली।
जिसे बेले दुधा हा पूत जेह्णे आपणी सारी धन दौलत वेश्या मां उज़ाड़ती ङिली, ते ओचे वास्ते तां ताजा मोटा ते मंहगा जानवर बढवाला।’
“हेक धनवान बन्दे हुते जको बैंजनी ते मलमल ची ओढ़णी घालता ते हर ङिओ सोख-विलास ते धूम-धाम लारे रेहता।
शाहुकारा ने मुनीम नु हकारती कर केहले, ‘ईं का छै जको मैं दुधे बारे मां सुणे पला? आपणे मुनीमगिरी चा लेखा ङे, कांकि तु उग़ते कनु मुनीम ना रेह सग़ी।’
“तीजे ने आतीकर केहले, ‘हे स्वामी, ङेख दुधी मौहर हा छै, जानु मैं रुमाला ब़ांहती मेहली हुती।
हेरोदेस राजा चे भण्डारी खोजें ची घराआली योअन्ना ते सुसन्नाह ते ब़ोहत सारीया असतरीया, जको आपणी धन-दौलत लारे ईशु ते चैला ची सेवा करतीया।
कांकि मुखिया नु नरीकारा चा भण्डारी हुवणे चे वजह निर्दोष हुवणे चाही छै, ना हठी, ना क्रोधी, ना पियक्कड़, ना मार कुटाई करने आला, ते ना नीच कमाई चा लोभी।
तम्ही मांगा ते हांसिल ना कर सग़ा, कांकि गन्दी इच्छा लारे मांगा, बल्ति आपणे भोग़ विलास वास्ते उङारने चे वास्ते मांगा।
जानु जको वरदान मिड़ला आला छै, ऊं वानु नरीकारा चे हर-तरहा चे अनुग्रह चे भले भण्डारी आलीकर हेके ङुजे ची सेवा मां लाओ।