8 “जा कूण इसड़ी असतरी हुवी जाये कनु ङस सिक्के हो, ते वांचे महु हेक गार हुती जाओ, तां वा ङीवा ब़ालती कर ते घर छंडकती-ब़ुहारती, जब तक मिलती ना जाओ जी लाती सोती ना रिहो?
“मैं तम्हानु किहे पला कि यूंही करती कर हेक मन फिरावणे आले पापीया चे बारे मां वी स्वर्ग़ा मां इतनी ही खुशी हुवी, जितना कि वां निन्याणवे इसड़े धर्मीया चे बारे मां नी हुवी, जानु मन फिरावणे ची जरुरत कोनी।
ते जादू-टूणे करने आला महु घणा सारा ने आपणीया-आपणीया पोथीया भेलिया करलीया ते सारा चे सामणे ब़ालती नाखलीया। ते जिसे बेले वांची कीमत जोड़ली गेली तां कम से कम पंजहा हजार चान्दी चे सिक्का चे बराबर हुती।