“मैं तम्हानु किहे पला कि यूंही करती कर हेक मन फिरावणे आले पापीया चे बारे मां वी स्वर्ग़ा मां इतनी ही खुशी हुवी, जितना कि वां निन्याणवे इसड़े धर्मीया चे बारे मां नी हुवी, जानु मन फिरावणे ची जरुरत कोनी।
ऐवास्ते अन्ताकिया ची कलीसिया ने वानु थोड़ी दूर तक पुचाले, ते वे फीनीके ते सामरिया प्रदेसा महु हुते हुले, नेरीया जातिया नु मन फिरावणे चा सुसमाचार सुणाते गेले। ते ऐ समाचार लारे सारे भऊ घणे खौश हुले।