6 “का ङोन पैसा चे पाँच गैरे ना बिकी? तां वी नरीकार वांचे महु हेक नु वी ना भूली।
का पैसे मां ङोन गैरे ना बिकी? तां वी तम्चे ब़ा ची इच्छा चे बिना वांचे महु हेक वी धरती उपर ना ढे सग़ी।
इतने मां हेक कंगाल बांढी ने आती कर ङोन दमड़ीया, जको हेक अधेले चे बराबर हुवी नाखलीया।
काग़ा उपर ध्यान ङिया, वे ना राहवी, ना बाढी, ना वांचे भण्डार ते ना वांचे पेएड़ रिही, तां वी नरीकार वानु पाले। तम्चा मोल पखीयां कनु कहीं ज्यादा छै।
जंगली फूलां उपर ध्यान ङिया कि वे किवें बधी, वे ना तां मेहनत करी, ते ना कत्ती, तां वी मैं तम्हानु किहे पला कि राजा सुलैमान वी, आपणी सारी शान शोकत मां, वांचे महु कुई हेक चे बराबर ओढ़णी घाली आला कोनी हुता।