52 कांकि हमा कनु हेके घरा मां पाँच जणी आपस मां विरोध राखे, तीन ङोन लारे ते ङोन तीन लारे।
का तम्ही समझा कि मैं धरती उपर मिलाप कराऊं आला? मैं तम्हानु किहे पला, ना, बल्कि अलग़ कराणे वास्ते आला।
ब़ा पूता कनु, ते पूत ब़ा कनु विरोध राखी, आई धूवे कनु, ते धूउ आई कनु, सासु बहुवे कनु, ते बहु सासवे कनु विरोध राखी।”
वे तम्हानु प्राथनाघरा महु काढ़ती छोड़े, ओ समय आवे पला कि जको कुई तम्हानु मारती नाखी ओह समझी कि ‘मैं नरीकारा ची सेवा करे पला।’
हा ङेखती कर नेरे फरीसी किहुं लाग़ले, “ऊं बन्दे नरीकारा ची तरफा कनु कोनी, कांकि ओह सब्त चा ङिओ ना मनी।” ङुजा ने केहले, “पापी बन्दे इसड़े चैन्ह किवें ङिखाण सग़े?” वांचे मां फूट पड़ली गेली।
बल्ति वांचे महु कोच्छ लौक ने वे बाता मनती गेलीया पर कोच्छ लौका ने विश्वास कोनी करला।