14 ओणे ओनु केहले, “ऐ बन्दे, केहणे मनु तम्चा न्यांयी जा जायजात बाटणे आला बणाले?”
बल्ति भीड़ी महु हेके बन्दे ने ईशु नु केहले, “हे गुरु, माये भावां नु केह कि ब़ा ची जयजाती महु मनु बांटती ङियो, कांकि अम्चा ब़ा मरती गेला।”
थोड़ी देर बाद कुई नेरे ने ओनु ङेखती कर केहले, “तु वी तां वांचे महु छी।” पतरस ने केहले, “हे भले मानस, मैं कोनी।”
ईशु ने वांचा विश्वास ङेखती कर ओनु केहले, “हे इन्सान, दुधे पाप माफ हुले।”
ईशु ने ईं जाणती गेहले कि लौक ओनु दब़ाव लारे राजा बणावणे चाहवी, ऐवास्ते ओ उठु पहाड़ा उपर हेकला चाह्ला गेला।
वा असतरी ब़ोली, “हे गुरु जी, किह्णी वी कोनी।” ईशु ने केहले, “मैं वी दुधे उपर ङण्ड ची आज्ञा ना ङी, जा ते बल्ति पाप ना करियो।”
ऐवास्ते हे दोष लावणे आले, तु चाहे कुई वी कां ना हो, तु कुई वी बहाना ना बणा सग़ी, कांकि जिसी बाते मां तु ङुजा उपर दोष लावी, वेही बाते मां आपणे नु वी दोषी बणावी, ऐवास्ते कि जको तु दोष लावी, खौद्द ही ऊंही काम करी।
ते हे बन्दे, तु जको इसड़े-इसड़े काम करने आला उपर दोष लावी, ते खौद्द ही ऊंही काम करी, का तु समझी पला कि तु नरीकारा ची ङण्ड ची आज्ञा कनु बचती जाये?
हे इन्सान, भला तु कूण छी, जको नरीकारा चा सामना करी? का घड़ली आली चीज घड़ले आले नु केह सग़े, “तु मनु इसड़े कां बणाले?”