8 जिसे शहरा मां जावा, ते उठले लौक तम्हानु टिकावे, तम्चे वास्ते कद्दर-भाव लारे जको कोच्छ सामणे मेहले जाओ ऊंही खाजा।
“जको तम्हानु स्वीकार करे, ओ मनु स्वीकार करे, ते जको मनु स्वीकार करे, ओ माये भेज़णे आले नु स्वीकार करे।
पर जिसे शहरा मां जावा, ते उठले लौक तम्हानु ग्रहण ना करो, तां वांचे बजारा मां जती कर किहा,
ते वानु केहले, “जको कुई माये नांवा लारे ऐ ब़ाला नु स्वीकार करे, ओ मनु स्वीकार करे, ते जको कुई मनु स्वीकार करे, ओ माये भेज़णे आले नु स्वीकार करे, कांकि जको तम्चे महु सबकनु छोटे महु छोटे छै, ओही बङा छै।”
मैं तम्हानु सच्च-सच्च किहे पला कि जको माये भेज़ले आले नु स्वीकार करे, ओ मनु स्वीकार करे, ते जको मनु स्वीकार करे, ओ माये भेज़णे आले नु स्वीकार करे।”
अगर अविश्वासीया महु कुई तम्हानु छेड़ा ङियो, उठे तम्ही जाणे चाहवा, तां जको कोच्छ तम्चे सामणे मेहले जाओ ऊंही खावा ते विवेक ची वजह कनु कहीं ना पूछा।
यूं करती प्रभु ची आज्ञा छै कि जको लौक सुसमाचार सुणावी, ओचे जरिये आपणी रोटी खाओ।