जब ईशु उठु कनु निकलती कर मार्ग़ा मां जाये पलता, तां हेक बन्दे ओचे सनु द्रोड़ते हुले आले, ते ओचे आग़ु गोङे टेकती कर ओकनु पूछले, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन चा अधिकारी हुवणे वास्ते मैं का करे?”
शास्त्रीया महु हेक ने आती वानु तर्क करते सुणले, ते ईं जाणती कर कि ओणे वानु आच्छे ढंगा लारे उत्तर ङिला, ओकनु पूछले, “सारा महु ज्यादा खास किसी आज्ञा छै ?”
कांकि मैं तम्हानु किहे पला कि ब़ोहत से भविष्यवक्ता ते राजा ने चाह्ले कि जको बाता तम्ही ङेखा पले, ङेखो, पर कोनी ङेखलीया, ते जको बाता तम्ही सुणा पले, सुणो, पर कोनी सुणलीया।”
ईशु नु परखणे चे वास्ते वाणे हा बात ओकनु पूछली, कि ऐचे उपर दोष लावणे वास्ते कुई बात मिलती जाओ। ते ईशु पग़्ग़ा चे भराणे हुला ते भोंये उपर आंगली लारे लिखु लाग़ला।