10 पर जिसे शहरा मां जावा, ते उठले लौक तम्हानु ग्रहण ना करो, तां वांचे बजारा मां जती कर किहा,
ते जको कुई तम्हानु ग्रहण ना करो ते तम्ची ना सुणो, ओ घरा महु जा शहरा महु निकलते हुले आपणे पग़्ग़ा ची धूड़ झाड़ती नाखा,
‘तम्चे शहरा ची धूड़ वी, जको अम्चे पग़्ग़ा नु लाग़ली आली छै, अम्ही तम्चे सामणे छडंकु पले, तां वी तम्ही ईं जाणती गिहा कि नरीकारा चा राज़ तम्चे गोढु आती पुज़ला।’
उठले बिमारा नु ठीक करा ते वानु किहा, ‘नरीकारा चा राज़ तम्चे गोढु आती पुज़ला।’
जको कुई तम्हानु ग्रहण ना करो, ओ शहरा महु निकलते हुले आपणे पग़्ग़ा ची धूड़ झाड़ती नाखा, कि वांचे उपर ग़वाही हो।”
बल्ति पौलुस ते बरनबास वांचे सामणे आपणे पग़्ग़ा ची धूड़ झाड़ती कर इकुनियुम शहरा नु चाह्ले गेले।
जिसे बेले वाणे ओचा विरोध करला ते ओची निन्दा करली, ते पौलुस ने आपणी ओढ़णी झाड़ती कर वानु केहले कि, “तम्चे लुहीं तम्चे ही ठोङा उपर ही हो! मैं तां निर्दोष छै। हमा मैं नेरीया जातिया चे गोढु जई।”