मैं तम्हानु सच्च किहे पला कि जको भिले, वांचे महु कोच्छ इसड़े छी कि जब तक मैं इन्साना चे पूता नु ओचे राज़ मां आते हुले नी ङेखती गिहे, तब तक मौत चा स्वाद कङी नी चाखे।”
“मैं तम्हानु सच्च-सच्च किहे पला, जको माया वचन सुणती कर माये भेज़णे आले उपर विश्वास करे अनन्त जीवन ओचा छै ते ओचे उपर सजा ची आज्ञा नी हुवी पर ओ मौत कनु पार हुती कर हमेशा ची जीन्दगी मां घिरती चुकला।
तां वी तम्ही तां ओनु कोनी जाणले, पर मैं ओनु जाणे। अगर मैं किहे कि मैं ओनु ना जाणी, तां मैं वी तम्चे आलीकर कूड़ा ठहरी, पर मैं ओनु जाणे ते ओचे वचना उपर चले।
विश्वासा लारे ही हनोक चवीती गेला कि मौत नु ना ङेखो, ते ओचा पता कोनी मिड़ला कांकि नरीकारा ने ओनु चती गेलते। ओचे चती गेहणे चे पेहले ओची हा ग़वाही ङिली गेलती, कि ओणे नरीकारा नु खौश करले हुते।
पर अम्ही ईशु नु जको स्वर्ग़दूता कनु कोच्छ थोड़े ही समय वास्ते तले राखला गेला हुता मौत चे ङोख चवणे ची वजह महिमा ते आदर चा मुग़ट घाले आले ङेखु, कि नरीकारा चे अनुग्रह लारे ओ हर हेक इन्साना वास्ते मौत चा स्वाद चाखो।