31 बल्ति वी भीड़ महु घणे सारा ने ओचे उपर विश्वास करला। ते बन्दी किहुं लाग़ले, “मसीह जिसे बेले आवी, का ऐकनु ज्यादा अचम्भे चे चैन्ह ङिखाणी जको ऐणे ङिखाणले?”
पत्थरीली भोंये उपर चे वे छी कि जिसे बेले वचन सुणी, तां खुशी लारे वचना नु मनती तां गिही, पर ज़हड़ ना पकड़ने लारे वे थोड़ी देरी तक विश्वास राखी ते परीक्षा चे समय बहकती जई।
ओणे राती नु ईशु कनु आती केहले, “हे रब्बी, अम्ही जाणु कि तु गुरु छी ते नरीकार ची ओर कनु आला। कांकि इसड़े अचम्भे चे काम जको तु करी याहनु नरीकारा ची सहायता चे बिना कुई वी ना कर सग़ी।”
ओ शहरा चे ब़ोहत से सामरिया ने वे असतरी चे केहणे लारे ईशु उपर विश्वास करला, कांकि विणे ग़वाही ङिली हुती, “ओणे सब कोच्छ जको मैं करले, मनु बावड़ती ङिले।”
पर ङेखा, हा तां सारा बन्दा चे बीच मां ब़ोले पला, ते वे बन्दी कहीं वी ना किही पली। का ईं ना हो सग़ी कि यहूदी सरदार वास्तव मां जाणती गेले कि हाओ ही मसीह छै?