“मैं तम्चे सब चे बारे मां ना किही, जानु मैं चुणले वानु मैं जाणे। पर ईं ऐवास्ते छै कि पवित्रशास्त्र चा हा वचन पूरा हो, ‘जको माई रोटी खाये ओणे माये उपर लत चली।’
“तम्ही मनु कोनी चुणले, पर मैं तम्हानु चुणले ते तम्हानु नियुक्त करले कि तम्ही जती कर फल आणा ते तम्चा फल बणला रिहो, कि तम्ही माये नांवा लारे जको कोच्छ ब़ा नरीकारा कनु मांगा, ते ओ तम्हानु ङिही।
अगर तम्ही संसारा चे हुवा हा तां, संसार तम्चे लारे प्रेम करियो। पर ऐ वजह कनु कि तम्ही संसारा चे कोनी ते मैं तम्हानु संसारा महु चुणती गेले। ऐवास्ते संसार तम्चे लारे बैर राखे।
जब मैं वांचे लारे हुता, तां मैं दुधे ओ नांवा ची ताकत लारे जको तु मनु ङिले वांची रक्षा करली। मैं वांची चौकसी करली। वांचे महु ओ बन्दे नु छोड़ती कर जको नाश हुवणे आले मार्ग़ा नु चुणती गेहले हुते, नेरे कुई नाश कोनी हुले ऐवास्ते कि जको पवित्रशास्त्र मां केहले गेले ऊं पुरे हो।
तम्ही आपणे ब़ा शैताना ची ऊलाद्ध छिवा, ते आपणे ब़ा ची इच्छा नु पुरी करने चाहवा। ओ तां शुरु कनु हत्यारा छै, ते सच्च उपर कोनी रुकला, कांकि सच्च ओचे मां छै ही कोनी। जिसे बेले ओ कूड़ मारे, तां आपणे सुभाव लारे ही कूड़ मारे, कांकि ओ कूड़ा छै, बल्कि कूड़ा चा ब़ा छै।