कांकि जको वचन तु मनु ङिले मैं वे वानु पुचाती ङिले ते वाणे ओनु ग्रहण करले। ते सच्च-सच्च जाणती गेले कि मैं दुधे तरफु आला, ते विश्वास करती गेला कि तु ही मनु भेज़ले।
“मैं तम्हानु सच्च-सच्च किहे पला, जको माया वचन सुणती कर माये भेज़णे आले उपर विश्वास करे अनन्त जीवन ओचा छै ते ओचे उपर सजा ची आज्ञा नी हुवी पर ओ मौत कनु पार हुती कर हमेशा ची जीन्दगी मां घिरती चुकला।
कांकि हाओ माये ब़ा नरीकारा ची मर्जी छै हर हेक बन्दे जको पूता नु ङेखे ते विश्वास करी ते ओनु अनन्त जीवन मिली, ते अन्त चा ङिहां मां मैं ओनु जीते करती ङिही।”