35 बल्ति ईशु ने वानु केहले, “मैं ही जीवन ची रोटी छै। जको माये गोढु आवे ऊं कङी भुक्के नी रिही, ते जको माये उपर विश्वास राखी ऊं कङी तरसेले आले नी रिही।
“हे सब मेहनत करने आले ते बोझ मां दब़ीले आले लौक, माये गोढु आवा, मैं तम्हानु आराम ङिही।
पर हाय तम्हा उपर, जको तम्ही हमा रज़े छिवा, कांकि भुक्के हुवा। हाय तम्हा उपर, जको तम्ही हमा हस्सा पले, कांकि तम्ही ङोख मनावा ते रोवा।
असतरी ने ईशु नु केहले, “हे गुरु जी, ऊं पाणी मनु ङे बल्ति मैं तरसेली ना रिहे ते ना पाणी भरने वास्ते इतनी दूर आवे।”
बल्ति वी तम्ही अनन्त जीवन गेहणे वास्ते माये गोढु आणे ना चाहवा।
हर हेक बन्दे जको नरीकारा ने मनु सोंपले वे माये गोढु आवे, जको माये गोढु आवे मैं वानु कङी वी नी काढ़ी।
ये बाते उपर यहूदी ओचे उपर कुड़कुड़ाऊ लाग़ती गेले, कांकि ईशु ने केहले हुते, “वा रोटी मैं छै जको स्वर्ग़ा कनु उतरली।”
ईशु ने केहले, “ऐवास्ते मैं तम्हानु केहले हुते कि माये गोढु तब तक कुई ना आ सग़ी जब तक ब़ा नरीकार ओनु माये गोढु भेज़णे ची इजाजत ना ङिती ङी।”
ते पवित्र आत्मा, ते बीन्दणी ङोनी किही, “आ!” ते सुणने आला वी किहो कि, “आ!” जको तरसेला आला हो, ओ वी आओ। ते जको कुई चाहवे ऊं वी जीवन चे पाणी नु यूंही गिहो।
वे बल्ति भुक्के ते तरसेले नी रिहे ते ना वांचे उपर चिटका, ना कुई गरमेस पड़ी।