हा वा रोटी छै जको स्वर्ग़ा कनु उतरली। हा ओ मना कोनी जको तम्चे ङाङा-ब़ा ने खाला हुता ते बादा मां वे मरती गेलते। पर जको ये रोटी नु खाते रिही, ऊं सदा वास्ते जीते रिही।”
“जाये कान हो वे सुणती गिहो कि आत्मा कलीसिया नु का किहे पला। “जको जीतती जई, ओनु मैं लुकले आले मन्ने महु ङी, ते ओनु हेक चिट्टा पत्थर वी ङी, ते ओ पत्थरा उपर हेक नां लिखले आले हुवी, जानु ओचे गेहणे आले चे सिवाय नेरे कुई नी जाणी।