“माये ब़ा ने मनु सब कोच्छ सोंपती ङिले, ते कुई ना जाणी कि पूत कूण छै, सेर्फ ब़ा, ते ब़ा कूण छै, ईं वी कुई ना जाणी, सेर्फ पूता चे, ते ओ जाये उपर पूत ओनु प्रकट करना चाहवे।”
हमा मैं तम्हानु दास नी किही, कांकि कुई दास ना जाणी कि ओचा मालिक का करे वे। बल्कि मैं तम्हानु मित्र किहे पला कांकि मैं तम्हानु हर हेक बात बावड़ती ङिली जको मैं आपणे ब़ा नरीकारा कनु सुणली।