इतने मां ओचे चैले आती गेले ते अचम्भा करु लाग़ले कि ओ असतरी लारे बाता करे पला। तां वी ओकनु किह्णी ना पूछले, “तु का चाहवी?” जा तु “ये असतरी लारे बाता कां करी पला?”
सारा लौका नु ना बल्कि वां ग़वाह नु जानु नरीकारा ने पेहले कनु चुणती गेले हुते, यानि अम्हानु जेह्णे ओचे मरले आला महु जीते हुवणे चे बाद ओचे लारे खाले पिले।