जिसे बेले पिलातुस ने ङेखले कि कहीं बण ना सग़ी पर ओचे उलटा हुल्लड़ बधता जाये, तां ओणे पाणी चती भीड़ी चे सामणे आपणे हाथ धोले ते केहले, “मैं ऐ धर्मीया चे लुहींया कनु बेकसूर छै, तम्ही ही जाणा।”
जब प्रधान याजका ते पाहरेदारा ने ओनु ङेखले, तां रौला मचाती कर केहले, “ओनु क्रूसा उपर चढ़ा, क्रूसा उपर।” पिलातुस ने वानु केहले, “तम्ही ही ओनु जती कर क्रूसा उपर चढ़ावा, कांकि मैं ऐचे मां कुई दोष कोनी ङेखला।”
मरला आला महु जीते हुवणे ची बात सुणती कर कोच्छ लौक तां ओचे उपर मजाक करु लाग़ती गेले, पर नेरे कईयां ने केहले कि, “यां बाता चे बारे मां अम्ही बल्ति कङी दुधे कनु होर ज्यादा सुणु।”