“हे ब़ा, मैं चाहवे कि जानु तु मनु ङिले जिठे मैं छै ओठे वे वी माये लारे हो, कि वे माई वा महिमा ङेखो, जको तु मनु ङिली कांकि तु संसारा ची उत्पत्ति चे पेहले माये लारे प्रेम राखला।
पर जको कुई ओ पाणीया महु पिही जको मैं ओनु ङिही ओह बल्ति कङी तरसेला नी रिही। पर जको पाणी मैं ओनु ङिही ओचे महु हेक स्रोत बणती जई जको अनन्त जीवन तक उमड़ता रिही।”
ओ खाणे वास्ते मेहनत ना करा जको सड़ती जाये, बल्कि ओ खाणे वास्ते जत्तन करा जको सदा वास्ते बणला रिही ते अनन्त जीवन ङिही, ते जानु मैं इन्सान चा पूत ङिही। कांकि ब़ा नरीकारा ने आपणी छाप माये उपर लाली।”
ओ जीवना चा ज्ञान अम्हानु ङिला गेला, ते अम्ही ओनु ङेखले, ते ओची ग़वाही ङिऊं पले, ते तम्हानु अनन्त जीवन ङेणे आले ची घोषणा करु पले जको ब़ा नरीकार चे लारे हुता अम्चे उपर प्रकट हुला।
तां हा वी अम्ही जाणु कि, नरीकारा चा पूत आती गेला ते ओणे अम्हानु हा समझ ङिली, कि अम्ही ओ सच्च नु पिछाणु, ते अम्ही ओचे मां जको सच्चाई छै, यानिकि ओचे पूत ईशु मसीह चे लारे रिहुं, सच्चा नरीकार ते अनन्त जीवन हाओ छै।