“माये ब़ा ने मनु सब कोच्छ सोंपती ङिले, ते कुई ना जाणी कि पूत कूण छै, सेर्फ ब़ा, ते ब़ा कूण छै, ईं वी कुई ना जाणी, सेर्फ पूता चे, ते ओ जाये उपर पूत ओनु प्रकट करना चाहवे।”
तां वी तम्ही तां ओनु कोनी जाणले, पर मैं ओनु जाणे। अगर मैं किहे कि मैं ओनु ना जाणी, तां मैं वी तम्चे आलीकर कूड़ा ठहरी, पर मैं ओनु जाणे ते ओचे वचना उपर चले।
मैं तां पेहले निन्दा करने आला, ते सतावणे आला, ते अन्धेर करने आला हुता, तां वी माये उपर दया हुली, कांकि मैं अविश्वास ची दशा मां बिना सोचले समझले, ये कामे करली हुती।
विचार करती कर ङेखा, ब़ा ने अम्चे लारे किसड़ा प्रेम करला कि नरीकारा ची ऊलाद्ध किवाहुं, ते सच्चमां अम्ही छिऊं वी। संसार अम्हानु ना जाणी, कांकि संसारा ने ईशु मसीह नु कोनी जाणले।
तां हा वी अम्ही जाणु कि, नरीकारा चा पूत आती गेला ते ओणे अम्हानु हा समझ ङिली, कि अम्ही ओ सच्च नु पिछाणु, ते अम्ही ओचे मां जको सच्चाई छै, यानिकि ओचे पूत ईशु मसीह चे लारे रिहुं, सच्चा नरीकार ते अनन्त जीवन हाओ छै।