बल्ति ओचे कोच्छ चैला ने आपस मां केहले, “ईं का छै जको ओह अम्हानु किहे, ‘थोड़ी देरी मां तम्ही मनु नी ङेखा ते बल्ति थोड़ी देर बाद मनु ङेखा?’ ते ईं ‘ऐवास्ते कि मैं ब़ा चे गोढु जाये पला’?”
समय चे अनुसार तां तम्हानु गुरु हुती जाणे चाही हुते, तां वी ईं जरुरी छै कि कुई तम्हानु दुबारा नरीकारा चे वचना ची शुरु ची शिक्षा बल्ति कनु सिखाओ। तम्ही तां इसड़े हुती गेले कि तम्हानु अन्न चे बदले हमा तक ङूध ही चाही छै।