21 “जाये कनु माया आज्ञा छी, ते ओ वानु मने, ओही माये लारे प्रेम राखे। ते जको माये लारे प्रेम राखे ओचे लारे माया ब़ा प्रेम राखी, ते मैं ओचे लारे प्रेम राखी ते आपणे आप नु ओचे उपर प्रकट करी।”
मैं वांचे मां ते तु माये मां जाये कनु वे सेद्ध हुती कर हेक हुती जाओ। बल्ति संसार ईं जाणो कि तु मनु भेज़ले ते जिसड़ा तु माये लारे प्रेम राखला उसड़ा ही वांचे लारे प्रेम राखला।
पर जब अम्चे सब चे उघाड़े चेहरे कनु प्रभु ची महिमा यूं प्रकट हुवे, जिंवे करती शीशे मां हुवे। तां प्रभु चे जरिये जको आत्मा छै, अम्ही ओचे तेजस्वी रुप मां अंश-अंश करती बदलते जऊं पले।
कांकि नरीकार ने आज्ञा ङिली हुती कि, “अन्धकारा महु ज्योति चमको।” ते नरीकारा ने ही अम्चे दिला मां आपणी ज्योति चमकाली कि ईशु मसीह मां नरीकारा ची महिमा चे सोज़ले मेल सग़ो।
विचार करती कर ङेखा, ब़ा ने अम्चे लारे किसड़ा प्रेम करला कि नरीकारा ची ऊलाद्ध किवाहुं, ते सच्चमां अम्ही छिऊं वी। संसार अम्हानु ना जाणी, कांकि संसारा ने ईशु मसीह नु कोनी जाणले।
“जाये कान हो वे सुणती गिहो कि आत्मा कलीसिया नु का किहे पला। “जको जीतती जई, ओनु मैं लुकले आले मन्ने महु ङी, ते ओनु हेक चिट्टा पत्थर वी ङी, ते ओ पत्थरा उपर हेक नां लिखले आले हुवी, जानु ओचे गेहणे आले चे सिवाय नेरे कुई नी जाणी।