“तम्ही मनु कोनी चुणले, पर मैं तम्हानु चुणले ते तम्हानु नियुक्त करले कि तम्ही जती कर फल आणा ते तम्चा फल बणला रिहो, कि तम्ही माये नांवा लारे जको कोच्छ ब़ा नरीकारा कनु मांगा, ते ओ तम्हानु ङिही।
ईशु ने विनु केहले, “अगर तु नरीकारा चे वरदाना नु जाणीया तां ईं वी जाणीया कि ऊं कूण छै जको तनु किहे ‘मनु पाणी पीला,’ तां तु ओकनु मांगीहा ते ओ तनु जीवन चे पाणी ङिया।”
पर जको कुई ओ पाणीया महु पिही जको मैं ओनु ङिही ओह बल्ति कङी तरसेला नी रिही। पर जको पाणी मैं ओनु ङिही ओचे महु हेक स्रोत बणती जई जको अनन्त जीवन तक उमड़ता रिही।”
ऐचे उपर ईशु ने वानु केहले, “मैं तम्हानु सच्च-सच्च किहे पला, पूत आपणे आप कहीं वी ना कर सग़ी, सेर्फ ऊं जको ब़ा नु करते ङेखे, कांकि जिसे-जिसे काम ब़ा करे वानु पूत वी वे ही रीति लारे करे।
ऐवास्ते तम्ही आपस मां हेके ङुजे चे सामणे आपणे–आपणे पापा नु मनती गिहा, ते हेके ङुजे चे वास्ते प्राथना करा, कि जाये कनु तम्ही ठीक हुती जावा। धर्मी बन्दे ची प्राथना चे लारे ब़ोहत कोच्छ हो सग़े।
तम्ही वी आप जीते पत्थरा आलीकर आत्मिक घर बणते जावा पले, जाये कनु याजका चा पवित्र समाज बणती कर, इसड़े आत्मिक बलिदान चढ़ावा, जको ईशु मसीह चे जरिये नरीकारा नु ग्रहण हो।