50 ते ना ईं समझा पले कि तम्चे वास्ते ईं भले छै कि अम्चे लौका चे वास्ते हेक इन्सान मरो, ते सारी जाति नाश ना हो। ”
अगर दुधी सज़्ज़ी आंख दुधे कनु पाप करवावे, तां विनु काढ़ती कर भुकाती नाख, कांकि दुधे वास्ते ईं भले छै कि दुधे अंगा महु हेक नाश हुती जाओ ते दुधे सारे शरीर नर्का मां ना नाखले जाओ।
ते वानु केहले, “यूं लिखले आले छै, कि मसीह ङोख चवी, ते तीजे ङिओ मरला आला महु जीता हुती जई।
अगर अम्ही ओनु यूंही छोड़ती ङिऊं, तां सारे ओचे उपर विश्वास करु लाग़ती जाये, ते बल्ति रोमी बन्दी इठे आती जाये ते अम्चे मन्दरा नु ते देशा नु खत्तम करती नाखे।”
हा ओही काइफा हुता, जेह्णे यहूदिया नु सलाह ङिली हुती कि अम्चे लौका चे वास्ते हेक मर्दा चे मरणे आच्छे छै।
ईं सुणती कर पिलातुस ने ओनु छोड़ने चा कुई तरीका सोधणे ची कोशिस करु लाग़ला, पर यहूदी नेता रौल मचाऊं लाग़ले, “अगर तु ऐनू छोड़ती ङिये, तां तु कैसर राजे चा दोस्त कोनी। कुई वी जको आपणे आप नु राजा हुवणे चा दावा करे ऊं कैसर राजे चे विरोधी छै।”
तां अम्ही कां बुराई ना करु, कि भलाई निकलो? जिसड़ा कि अम्चे उपर हाओ दोष लाला वी जाये, ते कोच्छ किही कि ओचे ईं केहणे छै। पर इसड़ा नु दोषी ठहराणे ठीक छै।