पर शरीरिक इन्सान नरीकारा ची आत्मा ची बाता स्वीकार ना करी, कांकि वे ओची नजरी मां बेवकूफी चा बाता छी, ते ना ओ वानु जाण सग़े कांकि वांची परख आत्मिक रीति लारे हुवे।
तां हा वी अम्ही जाणु कि, नरीकारा चा पूत आती गेला ते ओणे अम्हानु हा समझ ङिली, कि अम्ही ओ सच्च नु पिछाणु, ते अम्ही ओचे मां जको सच्चाई छै, यानिकि ओचे पूत ईशु मसीह चे लारे रिहुं, सच्चा नरीकार ते अनन्त जीवन हाओ छै।