13 ऐवास्ते नासती जाये कि ओह मजदूर छै ओनु भेङा ची चिन्ता कोनी।
मजदूर ना तां आजड़ी छै ना ही भेङा चा मालिक छै। भेड़िये नु आते ङेखती कर, भेङा नु छोड़ती कर नासती जाये। भेड़िया वानु पकड़ती इंगे-ऊंगे खिंडाती नाखे।
“आच्छा आजड़ी मैं छै, मैं आपणीया भेङा नु जाणे माया भेङा मनु जाणी,
ओणे हा बात ऐवास्ते कोनी केहले कि ओनु कंगाला ची चिन्ता हुती पर ऐवास्ते कि ओह चोर हुता। ओचे कनु वांची ग़ुथली रेहती, ओचे मां जको कहीं नाखले जते ओ काढ़ती गेहता।
बल्ति सारा लौका ने यहूदी प्राथनाघरा चे सरदार सोस्थिनेस नु पकड़ती कर न्यां आसण चे सामणे मारले कोटले। पर गल्लियो ने यां बाता ची कुई वी चिन्ता कोनी करली।
मैं ईं चाहवे कि तम्हानु चिन्ता ना हो। अणपरनीले मर्द प्रभु चा बाता ची चिन्ता मां रिहे, कि प्रभु नु किवें खौश राखे।
पर परनीले आले इन्सान संसारा ची बाता चीया चिन्ता मां रिहे, कि आपणी घराआली नु किसे तरीके लारे खौश राखो।
माये गोढु ओचे समान कुई ङुजे बन्दे कोनी जाया सुभाव माये जिसड़ा हो ते जको तम्ची भलाई चे वास्ते सच्चे मना लारे फिक्र कर सग़े।