“हे ब़ा, मैं चाहवे कि जानु तु मनु ङिले जिठे मैं छै ओठे वे वी माये लारे हो, कि वे माई वा महिमा ङेखो, जको तु मनु ङिली कांकि तु संसारा ची उत्पत्ति चे पेहले माये लारे प्रेम राखला।
पिलातुस ने ओनु केहले, “तां का तु राजा छी?” ईशु ने उत्तर ङिला, “तु किही कि मैं राजा छै। मैं ऐवास्ते जनम गेहला ते ऐवास्ते संसारा मां आला छै कि सच्चाई ची ग़वाही ङिये। जको कुई सच्चाई चे छै, ऊं माये शब्द सुणे।”
मैं ही वा जीती रोटी छै जको स्वर्ग़ा कनु उतरली। अगर ये रोटी नु कुई खाये ते ऊं सदा जीते रिही। ते वा रोटी जानु मैं ङिही माये शरीर छै, ऐची वजह कनु संसार जीता रिही।”
कि नरीकारा ने ईशु नु जीते करती कर, ओही वायदा अम्ची ऊलाद्धी वास्ते पूरा करला, जिसड़े भज़न संहिता मां वी लिखले पले, “ ‘तु माया पूत छी, आज़ मैं ही तनु पैदा करले।’
कांकि जको काम व्यवस्था, शरीरा चे वजह दुर्बल हुती कर ना कर सग़ली, ओनु नरीकारा ने करले, यानिकि आपणे ही पूता नु पापमय शरीरा ची समानता मां, ते पाप चे बलिदान हुवणे चे वास्ते भेज़ती कर, शरीरा मां पापा उपर ङण्ड ची आज्ञा ङिली।
कांकि स्वर्ग़दूता महु नरीकारा ने कङण कानु इसड़े केहले, “तु माया पूत छी, आज़ मैं ही तनु पैदा करले।” ते बल्ति ईं, “मैं ओचा ब़ा हुती जई ते ओ माया पूत हुवी।”
बल्ति मैं सिंहासन महु कानु ऊंची अवाजी मां हा केहते हुले सुणले कि, “ङेखा, नरीकारा चा डेरा लौका चे बीच मां छै, ओ वांचे लारे डेरा करी, ते वे ओचे लौक हुवे, ते नरीकार आप वांचे लारे रिही, ते वांचा नरीकार हुवी।