13 इसड़े केहणे आले सुणा, “आज़ जा काल अम्ही ऐ जा बल्ति ओ शहरा मां जती कर हेके साला मां काम-धंधा करती कर घणा सारा पैसा कमाती गिहुं।”
ते रोवणे आले इसड़े हो मनती गिहा रोवी ना, ते खौश रेहणे आले मनती गिहा खौश ना रिही, ते मोल गेहणे इसड़े हो कि मनती गिहो वांचे कनु कोच्छ छै कोनी।
हे धनवानु सुणती तां गिहा, जको क्लेश तम्चे उपर आणे आला छै, ओचे वास्ते रोवा ते जोरा आलीकर रौल मचाती कर रोवा।