7 कांकि हर-तरहा चे जंगली ढौरे, पखीं, ते भोंये उपर ढिड्डा चे भराणे चलणे आले जीव-जन्तु, ते पाणीया मां रेहणे आले जींये बन्दा चे वशा मां हो सग़ी ते करले वी गेली।
कांकि ओ बार-बार ब़ेड़ीया ते संगला लारे ब़ांहला गेलता, पर ओणे संगला नु तरोड़ती नाखले ते ब़ेड़ीया चे टुकड़े-टुकड़े करती ङिले हुते, ते कुई ओनु बसा मां ना कर सग़ते।
हा जुबान वी हेक जाखते छै। हा बुराई चा पूरा हेक संसार छै। हा जुबान अम्चे शरीरा चे अंगा महु इसड़ा अंग छै, जको पुरे शरीरा नु खत्तम करती नाखे ते अम्चे पुरे जीवन मां भाह लाती नाखे। अन्त मां जुबान वी नर्क चे जाखते लारे ब़ालती ङिली जई।