11 हे माये भऊ, इसड़े नी हुवणे चाही छै।
हेक ही मुँहा लारे आशीर्वाद ते श्राप ङोनी निकली।
का सौत्ते चे हेके ही मुँहा कनु मीठे ते खारे पाणी ये ङोनी निकली? हे माये भऊ, का अंजीर चे ब़ूटे कनु जैतून, जा तां बल्ति अंगूरा ची बल्ही मां अंजीर लाग़ सग़ी? यूंही खारे सौत्ते कनु मीठे पाणी ना निकल सग़ी।