23 कांकि जको वचना नु सुणने आले हो, ते ओचे उपर चलणे आले ना हो, तां ओह ओ बन्दे आलीकर छै जको आपणे सुभाविक मुँह शीशे मां ङेखे।
जको कुई माये गोढु आवे ते माया बाता सुणती कर वानु मने, मैं तम्हानु बावड़े कि ओ काये समान छै।
शास्त्री ते फरीसी ओचे उपर दोष लावणे चा मौका सोधणे ची फिराक मां हुते, कि ङेखु ओ सब्त चे ङिओ ठीक करे के ना।
हमा अम्हानु शीशे मां धुंधले जा ङिसे पर ओ बेले अम्ही आमणे-सामणे ङेखु। ऐ बेले माया ज्ञान अधूरा छै, पर ओ बेले माया ज्ञान उसड़ा ही हुती जई, जिसड़ा ऐ बेले माये बारे मां नरीकारा जाणे।
ऐवास्ते कि ओ आपणे आप नु ङेखती कर चाह्ला जाये ते तुरन्त भूलती जाये कि, “मैं किसड़ा हुता?”