ते का वा जको आच्छी हुती, माये वास्ते मौत ठहरली? कङी वी कोनी। पर पाप वे आच्छी चीजे चे जरिये, माये वास्ते मौत नु पैदा करने आला हुला कि ओचे पाप हुवणे प्रकट हो, ते आज्ञा जरिये पाप ब़ोहत ही पापमय ठहरे।
पर जब तक ओ ङिओ, जानु “आज़” केहला जाये, अम्चे सामणे छै, हर हेक ङिओ हेके ङुजे ची हिम्मत ब़न्धाते रिहा, इसड़े ना हो कि तम्चे महु कुई वी पाप चे छल मां कठोर बणती जाओ।
जिसे बेले काई परीक्षा हो, तां ऊं यूं ना किहो कि, “माई परीक्षा नरीकारा चे तरफु हुवे।” कांकि ना तां बुरीया बाता लारे नरीकारा ची परीक्षा हो सग़े, ते ना ओ काई परीक्षा आप करे।