तां कां व्यवस्था नरीकारा चे वायदे चे विरोध मां छै? कङी वी ना हो, कांकि अगर नियम इसड़ा ङिला जईया जको जीवन ङे सग़ीया तां सच्चमां धार्मिकता व्यवस्था लारे ही हुवीया,
हर हेक महायाजक इन्साना महु चुणला जाये, ते इन्साना वास्ते ही वां बाता चे बारे मां जको नरीकारा लारे सम्बन्ध राखे ठहराला जाये, कि भेंट ते पाप-बलि चढ़ाले करो।
अगर लेवीये याजक पद्द चे जरिये सिद्धि प्राप्त हो सग़े, जाये सहारे लौका नु व्यवस्था मिड़ली हुती, तां बल्ति का जरुरत हुती कि ङुजा याजक मेलिकिसिदक ची रीति उपर खड़ा हो, ते हारुन ची रीति चे नी किहवावी?
कांकि मसीह ने ओ इन्साना चे हाथा चा बणले आले अति पवित्र स्थान मां जको सच्चे अति पवित्र स्थान चा प्रतिरुप छै, प्रवेश कोनी करला, पर स्वर्ग़ा मां प्रवेश करला कि अम्चे वास्ते, हमा नरीकारा चे सामणे ङिसो।
ते ओही पाणीया ची मिसाल वी यानिकि बपतिस्मा, ईशु मसीह चे जीते हुवणे चे जरिये, हमा तम्हानु बचावे, ओचे कनु शरीरा चे मैल नु दूर करने चा मतलब कोनी छै, पर शोद्ध विवेक लारे नरीकारा चे हाथा मां हुती जाणे चा मतलब छै।