तां कां व्यवस्था नरीकारा चे वायदे चे विरोध मां छै? कङी वी ना हो, कांकि अगर नियम इसड़ा ङिला जईया जको जीवन ङे सग़ीया तां सच्चमां धार्मिकता व्यवस्था लारे ही हुवीया,
अगर लेवीये याजक पद्द चे जरिये सिद्धि प्राप्त हो सग़े, जाये सहारे लौका नु व्यवस्था मिड़ली हुती, तां बल्ति का जरुरत हुती कि ङुजा याजक मेलिकिसिदक ची रीति उपर खड़ा हो, ते हारुन ची रीति चे नी किहवावी?