18 ते नरीकारा ने काये बारे मां कसम खाली कि तम्चे माये विश्राम मां आणे नी हुवी? का सेर्फ वांचे लारे कोनी जेह्णे आज्ञा कोनी मनली ?
जको पूता उपर विश्वास करे अनन्त जीवन ओचा छै, पर जको पूता नु ना मनी ओह जीवन नु नी ङेखी, पर नरीकार चा गुस्सा ओचे उपर रिहे।
कांकि जिंवे तम्ही नेरीया जातिया पेहले नरीकारा ची आज्ञा कोनी मनली, पर हमा, यहूदिया नु आज्ञा ना मनणे लारे तम्चे उपर दया हुली,
तब मैं क्रोध मां आती कर कसम खाली, ‘वांचे माये विश्राम मां आणे नी हुवी।’ ”
ऐवास्ते अम्ही ओ विश्राम मां जाणे वास्ते पूरा जत्तन करु, कि कुई जन वांचे आलीकर आज्ञा ना मनणे उपर वंचित रेहती जाओ।
अम्हानु वी वांचे आलीकर सुसमाचार सुणाला गेला, पर सुणने आले वचना लारे वानु कुई फायदा कोनी हुला, कांकि वाणे विश्वास लारे कोनी मनला हुता।
ऐवास्ते कि कईयां वास्ते हा प्रवेश, हमा वी खुला ब़ुलावा छै। पर जानु ऐचे पेहले सुसमाचार सुणाला तां गेला वे आपणी अनाज्ञाकारिता ची वजह कनु प्रवेश ना कर सग़ले।