5 आपणे जीवन नु धन चे लालच कनु दूर राखा, ते जको तम्चे गोढु छै, ओचे उपर संतुष्टी करा, कांकि नरीकारा ने आप केहले, “मैं तनु कङी ना छोड़ी, ते ना कङी तनु त्याग़ी।”
“ऐवास्ते मैं तम्हानु किहे पला कि आपणे प्राणा ची हा चिन्ता ना करा कि अम्ही का खऊं ते का पीऊं, ते ना आपणे शरीरा ची कि अम्ही का घालु। का प्राण रोटी कनु, ते शरीर ओढ़णा कनु बढ़ती कर कोनी?
ते सिपाहीया ने वी ओकनु ईं पूछले, “अम्ही का करु?” ओणे वानु केहले, “कि तम्ही काये उपर वी जुलम ना करा, ते ना काये उपर कूड़ा दोष लावा, ते आपणी तनखाई पर सब्र करजा।”
माये केहणे ईं छै कि तम्चे इसड़े कुई विश्वासीया लारे जको व्यभिचारी, जा लोभी, जा मूर्तिपूजक, जा गाली काढ़णे आले, जा पियक्कड़, जा ठग़्ग़ हो तां ओचे लारे संगति ना करजा, बल्कि इसड़े इन्साना लारे खाणे वी ना खाजा।
कांकि तम्ही हा जाणा कि इसड़ा कुई वी बन्दे जको व्यभिचारी छै ते अशुद्ध, जा लालच, लालची बन्दे जको मूर्ति पुज़ा करने आले चे बराबर छै, मसीह ते नरीकारा चे राज़ मां ना जा सग़ी,
वांचीया आंखीया मां व्यभिचार बसला आला छै ते पाप करले बगैर आलीकर ना सग़ी वे चंचल मना आला नु बकाती गिही वांचे मना नु लोभ करने ची आदत हुली भिली वे श्राप ची ऊलाद्ध छी।
वांचे उपर हाय! कांकि जेह्णे कैन चे मार्ग़ नु चुणती गेले, ते धन-दौलत ची लालच ची वजह वाणे वाहो गलती करली, जको बिलाम ने करली हुती। ते कोरह आलीकर विरोध करती कर नाश हुले।