का तम्ही ना जाणा, कि अन्यायी लौक नरीकारा चे राज़ चे वारिस नी हुवे? धोक्का ना खावा, ना वेश्यागामी, ना मूर्तिपूजक, ना परअसतरी गामी, ना लुच्चे, ना पुरुषगामी,
कांकि जरुरी छै कि, अम्चे सारा चा हाल मसीह चे न्यां आसण चे सामणे खुलती जाओ, कि हर हेक इन्सान आपणे आपणे बुरे-भले कामा चा बदला जको ओणे आपणे शरीरा चे अनुसार करले ओ भोग़ो।
जलन, नशा खोरी, असतरीगमन, ते यांचे जिसड़ी नेरी-नेरी कामे वी छिती, यांचे बारे मां मैं तम्हानु पेहले केहती ङिये कि इसड़े-इसड़े काम करने आले नरीकारा चे राज़ चे वारिस ना हो सग़ी
कांकि तम्ही हा जाणा कि इसड़ा कुई वी बन्दे जको व्यभिचारी छै ते अशुद्ध, जा लालच, लालची बन्दे जको मूर्ति पुज़ा करने आले चे बराबर छै, मसीह ते नरीकारा चे राज़ मां ना जा सग़ी,
कि ये बाते मां कुई आपणे भावां नु ना ठग़्ग़ो, ते ना ओचे उपर कुई दाह चलाओ, कांकि प्रभु यां सारीया बाता चा बदला गेहणे आला छै, जिसड़े कि अम्ही पेहले ही तम्हानु केहले ते चिताले वी हुते।
जको बीहा करने कनु रोके, ते खाणे ची कोच्छ चीजा कनु दूर रेहणे ची आज्ञा ङिये, जानु नरीकारा ने ऐवास्ते रचले कि विश्वास करने आला, ते सच्च नु पिछाणने आले वानु धन्यवाद चे लारे खाये।
चौकस रिहा कि तम्चे बीच ना तां कुई व्यभिचारी इन्सान हो, ते ना ही एसाव चे जिसड़ा अधर्मी हो, जेह्णे पलेठी चा पूत हुवणे चे आपणे अधिकारा नु सेर्फ हेको खाणे वास्ते बेचती ङिला।