20 वांचे वास्ते हा आज्ञा सेहणे कनु ब़ाहर हुती, कांकि यूं केहले गेले, “अगर कुई ढौरे वी पहाड़ा चे गोढु जाओ तां वे पत्थरा लारे मारती नाखली जाओ।”
मैं तां व्यवस्था चे लारे व्यवस्था वास्ते मरती गेला, ताकि नरीकारा चे वास्ते जिंवे।
ऐवास्ते जितने लौक व्यवस्था चे कामा उपर भरोसा राखी वे श्राप चे गुलाम छी कांकि लिखले आले छै कि “जको कुई व्यवस्था चीया सारीया बाता पुरीया करने मां मजबूत ना रिही ऊं श्रापित छै। ”