11 किसी वी तरह चा अनुशासन ओ समय तां आनन्द भरला कोनी, पर ङोख भरला ही ङिसे। तां वी जको ओनु सेहते-सेहते पक्के हुती गेले, बादा मां वानु चैन लारे धार्मिकता चा प्रतिफल मिले।
वांचीया आंखीया मां व्यभिचार बसला आला छै ते पाप करले बगैर आलीकर ना सग़ी वे चंचल मना आला नु बकाती गिही वांचे मना नु लोभ करने ची आदत हुली भिली वे श्राप ची ऊलाद्ध छी।